अखिलेश सिंह
कछौना, हरदोई। विद्युत उपकेंद्र बनियन खेड़ा के अंतर्गत दर्जनों ग्रामों की विद्युत आपूर्ति अघोषित कटौती से आजिज आकर उपभोक्ताओं ने क्षेत्र की विद्युत आपूर्ति की विभिन्न समस्याओं के संबंध में अवर अभियंता को पत्र दिया। अवर अभियंता ने बताया अघोषित कटौती में सुधार कराया जाएगा।
बताते चले विद्युत उपकेंद्र बनियन खेड़ा के अंतर्गत सैकड़ो ग्रामों को विद्युत आपूर्ति होती है। वर्तमान समय में भीषण गर्मी में अघोषित कटौती से उपभोक्ता काफी परेशान है। सुचारू रूप से आपूर्ति न होने के कारण लोगों का जीना दुश्वार हो गया है। ग्रामीण क्षेत्र में 18 घंटे आपूर्ति का दावा करने वाला विद्युत विभाग इस समय महज 10 से 12 घंटे ही आपूर्ति दे रहा है। कटौती का निश्चित शेड्यूल न होने से मालूम भी नहीं होता कि बिजली कब आएगी और कब गुल हो जाएगी। इससे विद्युत उद्योग धंधों में विपरीत असर पड़ा है।
सुबह शाम की अघोषित कटौती से सरकार की छवि में धूमिल हो रहीं है। शासन की ओर से गांवों को 18 घंटे आपूर्ति का आदेश है। लेकिन हकीकत इसके इतर है। गांवों को 10 से 12 घण्टे आपूर्ति हो रही है। तड़के होने वाली कटौती से कस्बा सहित गांवों में होने वाली जलापूर्ति पर असर पड़ता है। बिजली गुल हो जाने से लोगों को सुबह शाम समय से लोगों को पानी भी नहीं नसीब होता है। लोगों को मजबूरी में हैंडपंपों का सहारा लेना पड़ता है। अघोषित कटौती के लिए मुख्य रूप से ओवरलोडिंग और मरम्मत कार्यों के लिए नियोजित शटडाउन के कारण होने वाली स्थानीय खराबी को जिम्मेदार ठहराया जाता है।
अत्यधिक गर्मी के कारण बिजली की मांग बढ़ गई है। बिजली की इतनी कम आपूर्ति का मुख्य कारण विद्युत उत्पादन की कमी हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि बिजली संकट के पीछे सिर्फ विभाग को ही जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। सरकार और आमलोग भी इस संकट के जिम्मेदार हैं। उनका मानना है कि गलत ऊर्जा नीति, कुप्रबंधन और राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी के कारण यह समस्या उत्पन्न हो रही है। जिसके चलते आमजन मानस के जीवन पर प्रभाव पड़ता है। अघोषित कटौती से आजिज आकर ग्रामीण अर्जुन वर्मा, पप्पू सिंह, राजेश कुमार, ग्राम प्रधान मोहम्मद गयास ने अवर अभियंता को पत्र सौंपा। ग्रामीणों ने बताया 5 जून तक समस्या का निस्तारण न होने पर धरना प्रदर्शन के लिए बाध्य होंगे।