ईरान के राष्ट्रपति को दी गई श्रद्धांजलि ईरान के राष्ट्रपति आयतुल्ला सैय्यद इब्राहिम रईसी की शहादत पर पुरी दुनिया ग़मगीन है


जौनपुर सदर इमामबाड़ा बेगमगंज में ईरान के राष्ट्रपति आयतुल्ला सैय्यद इब्राहिम रईसी, विदेश मंत्री हुसैन अमीर  अब्दुल लिलाहियान,  तबरेज़ के इमामे जुमा आयतुल्ला सैय्यद मोहम्मद अली आले हाशिम, ईरान के एक सूबे पूर्वी अज़रबैजान के गवर्नर मालिक रहमती, सैय्यद मसूद मुसावी अन्य के ईरान में  हेलिकॉप्टर क्रैश हादसे में देहांत पर शोक व्यक्त करने के लिए एक शोक सभा (ताज़ियती जलसा)  का आयोजन सैय्यद मोहम्मद हसन सदर जौनपुर अजादारी एसोसिएशन एवं पूर्व प्रिन्सिपल शिया इन्टर कालेज जौनपुर की अध्यक्षता में में किया गया


जिसमें  मोहम्मद फैज़ी  सलमानी  ने  जलसे में कुराने मजीद की तेलावत की  इस मौके पर मौलाना शेख़ हसन जाफर लल्लन ने  इब्राहिम रईसी को श्रद्धांजलि (ख़ेराजे अक़ीदत)  पेश करते हुए उनके व्यक्तित्व पर रोशनी डाली उन्होंने क़ासिम सुलेमानी की भी कुर्बानी को याद किया,जलसे के आख़िर में मजलिस को ख़ेताब करते हुए सैय्यद मोहम्मद हसन ने कहा कि इब्राहिम रईसी की मौत से आलमे इन्सानियत ग़मगीन है


इब्राहिम रईसी ने फिलिस्तीन के मज़लूमों की हमेशा मदद की उन्होंने चाबहार पोर्ट का समझौता करके भारत से ईरान के रिश्ते को मज़बूत किया  वोह ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्ला उल उज़्मा सैययद अली ख़ामेनाई के क़रीबी साथियों में से थे उन्होंने कहा कि दुःख की धडी में हम सब आयतुल्ला उल उज़्मा खामेनाई और शहीदों के परिवार के साथ खड़े हैं‌ उन्होंने मजलिस में इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम की शहादत और के शहीदों को याद किया मजलिस में उपस्थित जनसमूह में आंखें अश्कबार हो गई! 


इस  मौके पर सैय्यद असलम नक़्वी ने कहा कि हम मजलिसों, जलसों, क़ुरान खानी के ज़रिए आयतुल्ला सैय्यद इब्राहिम रईसी और दीगर उनके साथ शहीद हुए लोगों को याद करके सवाब भी हासिल कर सकते हैं और दुनिया को ये‌ बता भी सकते हैं कि शहीद होने वाली शख़्सियतें फक़्त ईरान के लिए ही नहीं अज़ीज़ (प्रिय) थीं  बल्कि पूरी दुनिया के लिए  ये शख़्सियतें अज़ीज़  थीं मजलिस में अन्जुमन शमशीरे हैदरी बेगमगंज ने नौहाख़ानी की  


जलसे में  शिया जामा मस्जिद नवाब बाग़ के मुतवल्ली /सचिव शेख़ अली मंज़र डेज़ी , सदर इमामबाड़ा के मुतवल्ली /मुजाविर मोहम्मद रज़ा मजनूं सलमानी, सैय्यद इसरार हुसैन एडवोकेट, मोहम्मद नासिर रज़ा गुड्डू, ग़ुलाम हैदर, वज़ीर हसन , रईस अहमद, हाजी हसन जाफर , शहज़ादे भाई शेख़ जाफर रविश, मुसन्ना इत्यादि उपस्थित थे।


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