जौनपुर रविवार को मोहर्रम का चांद दिखाई देने के साथ शिया बहुल इलाकों में इमामबाड़ा व घरों में बने आजाखाने सजने लगे. महिलाओं ने अपने सुहाग की निशानी चूड़ियों को तोड़कर लाल, पीले कपड़े उतार दिए और काले वस्त्र धारण कर लिया।हर तरफ या हुसैन या हुसैन की सदा के साथ मजलिस नौहा मातम शुरू हो गया।
नगर के सिपाह, बलुआघाट ,पोस्तीखाना, पानदरीबा बाजार भुआ, कटघरा , राजा बाजार, पुरानी बाजार ,मुफ्तीमोहल्ला मोहल्ला बारादुआरिया, हमाम दरवाज़ा, मुल्ला टोला बाजार भुआ,सहित अन्य स्थानों पर इमामबाड़े में चांद रात से ही मजलिस का सिलसिला शुरू हो गया।
गौरतलब है कि कर्बला में हजरत इमाम हुसैन व उनके 71 साथियों ने अपनी शहादत देकर न सिर्फ इस्लाम को बचाया था,बल्कि पूरी मानवता को ये संदेश दिया कि हक़ की आवाज़ के लिए सर तो कटा सकते है पर सर झुका नही सकते।इसीलिए माहे मोहर्रम में लोग अपने मौला इमाम हसन हुसैन का गम मनाने के लिए अपना सब कुछ निछावर करने को तैयार रहते हैं।