इमामबाड़ा कल्लू मरहूम में आयोजित शब्बेदारी तंजीमें अज़ाये हुसैन हुई संपन्न

  

जौनपुर। नगर क्षेत्र के  इमामबाड़ा कल्लू मरहूम में कदीम तरही शब्बेदारी का आगाज शनिवार की रात तक़रीबन 8:00 शुरू हुआ यह शब्बेदारी कमेटी तंजीमें अज़ाये हुसैन की जानिब से हर साल आयोजित की जाता इस शब्बेदारी का यह 26 वा दौर शुरू हुआ जो अपने 24 घंटे का सफर तय करते हुए रविवार की देर शाम को समाप्त हुई है l

इस शब्बेदारी में हिंदुस्तान की बीस से ज्यादा मातमी अंजुमनों ने नौहा मातम कर कर्बला के शहीदों को नजरानए अकीदत पेश किया। अलविदाई मजलिस के बाद शबीहे ताबूत अलम व जुल्जनाह निकाला गया जिसकी हमराह अंजुमन अब्बासिया फैजाबाद रही उसके द्रारा अपने तरन्नुम में दर्द भरे नौहे पढ़कर माहौल को गमगीन कर दिया।

इससे पूर्व शनिवार की रात शब्बेदारी का आगाज तिलावते कलाम पाक से हुआ उसके फ़ौरन बाद बाद सोजखानी का सिलसिला शुरू हुआ जिसे जनाब गौहर अली जैदी व उनके हमनवा ने अपने अंदाज में पढ़ा ।

पेशखानी में जनाब शादाब जौनपुरी, जनाब एहतेशाम जौनपुरी, अब्बास काज़मी,हसरत जौनपुरी ने पेशखानी की औए । मजलिस की खेताबात आली जनाब मौलाना सैय्यद आबिद रिज़वी इमामे जुमा फतेहपुर ने किया और इमाम हुसैन के जीवन चरित्र पर विस्तार से रौशनी डाली कहा कि आज पूरी दुनिया में हजरत इमाम हुसैन (अ.स. ) व उनके 71 साथियों की शहादत पर गम मानती है और सभी लोग अपने अपने अनुसार इमाम हुसैन (अ.स) की शहादत की याद में नजरानए अकीदत पेश करते हैं। बताया की चौदह सौ साल से ज्यादा कर्बला में इमाम की शहादत को हो गया गया है लेकिन जब मोहर्रम आता है तो सभी मजहब के लोगों के दिलों में इमाम हुसैन की कुर्बानी की यादें ताजा हो जाती है। आज जो पूरी दुनिया में इंसानियत व इस्लाम जिंदा है तो वह हजरत इमाम हुसैन (अ.स) व अहलेबैत की कुर्बानियों का नतीजा है।

मजलिस के बाद मेहमान और मुकामी अंजुमनों ने मिसरे तरह पर तरही कलाम पेश किये। जिसमें हिंदुस्तान की मशहूर मारूफ अंजुमन अकबरी अमरोहा,अंजुमन गुनचए अब्बासिया बाराबंकी,अंजुमन दस्ताए ज़ैनुल एबा रायबरेली,अंजुमन सज्जादिया कोपागंज मऊ,अंजुमन मासूमीया फैज़ाबाद,अंजुमन हैदरीया अबदुल्लापुर अकबरपुर,अंजुमन जाफ़रिया जलालपुर,अंजुमन अज़ाये हुसैन बनारस के अलावा मशहूर नौहे खान जनाब मुदस्सिर खनवाई ने नौहा व मातम कर कर्बला के शहीदों को नज़राने अक़ीदत पेश किया।

इसी क्रम में रविवार की देर शाम को अलविदाई मजलिस का आगाज हुआ जिसे मौलाना आबिद आगा नजफी ने मसाएब पढ़कर माहौल पूरी तरह से गमगीन कर दिया,l

जिसके बाद शबीहों को बरामद किया गया। इस शब्बेदारी का संचालन जनाब अनीस जायसी व शोएब ज़ैदी ने किया और आभार तंजीम के सदर शौकत अली मुन्ना अकेला व कंवीनर सकलैन अहमद खां ,तहसीन शाहिद ने प्रकट किया।

शब्बेदारी में विशेष योगदान महासचिव हसीन अहमद खां बब्लू का रहा , इस शब्बेदारी में सैयद तनवीर जाफरी, समीर प्रधान,नयाब हसन सोनू ,बशीर खॉ,अन्जुम सईद,कैस मेहदी शोऐब ज़ैदी, मिर्जा अहमद मेंहदी बन्नू, वजीरूल हसन खां मुन्ना, मिर्जा हसीन मेंहदी, तहजीबुल हसन खां बन्ने व मीडिया प्रभारी अजादार हुसैन बाके का योगदान काफ़ी सराहनीय रहा।

इस मौके पर सै. अहसन अब्बास नकवी, मोहम्मद अब्बास हैदर, अमन पठान, नशफी खुशनूद, नजफी, सभासद शबी हैदर सदफ, सैयद शोएब जैदी, पूर्व भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष एवं वर्तमान में अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य हैदर अब्बास चाँद, मोहम्मद राशीद आलमगंज, मोहम्मद इमरान शेख सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

तंजीम के सदर शौकत अली मुन्ना अकेला ने शब्बेदारी के दिन दिए गए एक इंटरव्यू में अग्रिम शब्बेदारी 2025 का एलान कर दिया है की 27 दौर की शब्बेदारी का आगाज  26 जुलाई 2025 यानि इस्लामिक माह 30 मोहर्रम 2025 को इसी शानो शौकत के साथ किया जायेगा यह शब्बेदारी शामें गरीबा की याद में हर साल आयोजित की जाती है जिसमे अंजुमन जाफरी के तमाम मेम्बरान के साथ अहले जौनपुर का बहुत बड़ा योगदान रहता है! 

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