तीन रोजा मजलिसे फातिमी की आखिरी मजलिस को ख़िताब किया मौलाना महफूजुल हसन खान प्रिंसिपल व इमामे जुमा बाद खत्म मजलिस शबीहे ताबूत बरामद हुआ

अमन की शान अज़ादारी 

जौनपुर मदरसा जामिया इमानिया नासिरिया अरबी कॉलेज हमाम दरवाज़ा , जौनपुर में हर साल की तरह इस साल भी मजलिसे फ़तेमी का आयोजन किया गया जिसके तीसरे दिन की आखिरी मजलिस की शुरूआत मुजफ्फरनगर से आये हिंदुस्तान के मशहूर शोजखवांं जनाब हसन अली साहब ने अपने बेहतरीन तरन्नुम में सोजखवानी से किया उन्होंने अपनी शायरी में शहजादी फातिमा की खूबियां व अच्छाइयों का बखान किया इसके बाद पेशखानी में जनाब वहदत जौनपुर और मेंहदी मिर्जापुरी ने मंजुमे नजराने अक़ीदत बयान किया बाद में कार्यक्रम के संयोजक और मदरसा नासिरिया के प्रिंसिपल मौलाना महफूजूल हसन खान ने मजलिस को खेताब किया और अपने संबोधन में उन्होंने अपने समाज के लोगों को समाज में फैली गलत बातों से दूर रहने की हिदायत अपनी बात जारी रखते हुए उन्होंने कहा कि पैगम्बर मोहम्मद साहब के बाद शहजादी फातिमा का हक मुसलमानों ने छीन लिया, जबकि वह पैगम्बर मुहम्मद साहब की एकमात्र उत्तराधिकारी थीं उन्होंने अपनी बात जारी रखते हुए अपने समाज के लोगों से कहा कि समाज और देश में शांति और भाईचारा बढ़ाने की जरूरत है इसे आगे बढ़ाना चाहिए।

मजलिस के खत्म होने के पश्चात शबीहे ताबूत बरामद हुआ, जिसकी अकीदतमंदों ने अकीदत के साथ नम आंखों से जयारत की और देश के मशहूर और जाने-माने नौहाखवां जनाब मुहम्मद रजा साहब ने बेहतरीन नौहा पेश किया।
कार्यक्रम तय समय पर समाप्त हुआ और कार्यक्रम के संयोजक मौलाना महफूजुल हसन खान ने आये हुए सभी मोमनिनों का शुक्रिया अदा किया।

कार्यक्रम का संचालन मौला सैयद आबिद रजा ने कियाइ समें मुख्य रूप से मदरसा प्रबंधक अहमद जहां खान एडवोकेट, मौलाना मुहम्मद मुस्तफा इस्लामी, मौलाना फजल अब्बास, मौलाना मुहम्मद जाफर, मौलाना मोहम्मद यूसुफ खान, मौलाना नजफ अली, मौलाना मोबशीर हुसैन रिजवी , मौलाना उरूज हैदर, शोएब जैदी, मिशकुरुल हसन शाजान समेत बहुत से सेवक और मोमिन मौजूद रहे।

 

Post a Comment

Previous Post Next Post